Thursday, 4 August 2016

Banjar

Yu toh banjar sa tha mera aashiyan
Mehfilen aapke aane se hui
Waqt bewaqt hai mere halat ye
Aap ka husn Jashn-e-shailab ji.....

Pawan

Monday, 18 July 2016

Piyush Mishra Poems






Penned

कितनी दिलकश हो तुम कितना दिलजों हूँ मैं,
क्या सितम है की हम दोनों मर जाएँगे। 

Pawan

बहुत बातें बनाया करती हैं ये
तस्वीरें जो बेजान सी दिखती हैं

Wednesday, 13 July 2016

'Teri Raahon Mein Baarahaa Ruk Kar 
Ham Ne Apnaa Hi Intazaar Kiyaa'

Friday, 1 July 2016

Jaun Auliya

मेरी अक्ल-ओ-होश की सब हालतें 
तुमने साँचे में जुनून के दाल दीं 
कर लिए था मैंने एहद-ए-तर्क-ए- इश्क़
तुमने फिर बाहें गलें में डाल दीं।

Dushyant Kumar

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।