Monday, 18 April 2016

Shayri

मिलें तो बेताबी, न मिलें तो बेचैनी 
इक शख़्स से न मिलना, न बिछड़ना अच्छा है

Friday, 15 April 2016

Kumar Vishwas

"पनाहों में जो आया हो तो उस पे वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना
मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में है
हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना..